लेखनी कविता - घर आवो जी सजन मिठ बोला -मीरां

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घर आवो जी सजन मिठ बोला -मीरां  घर आवो जी सजन मिठ बोला।  तेरे खातर सब कुछ छोड्या, काजर, तेल तमोला॥  जो नहिं आवै रैन बिहावै, छिन माशा छिन तोला। 'मीरा' ...

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